प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए इस साल 32 बच्चों को चुना गया है. बच्चों को यह पुरस्कार इनोवेशन, खेल, कला, संस्कृति, बहादुरी और समाज सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनके असाधारण प्रदर्शन व उपलब्धियों के लिए दिया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से रू-ब-रू हुए और
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए इस साल 32 बच्चों को चुना गया है. बच्चों को यह पुरस्कार इनोवेशन, खेल, कला, संस्कृति, बहादुरी और समाज सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनके असाधारण प्रदर्शन व उपलब्धियों के लिए दिया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से रू-ब-रू हुए और उन्हें शुभकामनाएं दीं.
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुरस्कार पाने वाले 32 बच्चों बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘बच्चों आपने जो काम किया है, आपको जो पुरस्कार मिला है वो इसलिए भी खास है कि आपने ये काम कोरोना काल में किया है. इतनी कम उम में भी आपके ये काम हैरान करने वाले हैं. आपमें से ही कल देश के खिलाड़ी, वैज्ञानिक, सीईओ भारत का गौरव बढ़ाएंगे.’ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महिला व बाल विकाल मंत्री स्मृति ईरानी भी जुड़ीं.
सबसे पहले मुंबई की काम्या से की बात
पीएम मोदी ने सबसे पहले मुंबई की काम्या से बात की. उन्हें पर्वतारोहण के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है. पीएम मोदी ने काम्या से पूछा कि फिलहाल में किस नए पर्वत पर विजय प्राप्त की है? क्या नया किया? या कोरोना की वजह से कठिनाई आ गई? इस पर काम्या ने कहा, ‘कोरोना ने सभी को कठिनाई दी है, लेकिन हमें थमना नहीं है. मैं जम्मू-कश्मीर में ट्रेनिंग ले रही हूं. जून में माउंट देनाली की चढ़ाई की तैयारी कर रही हूं.’
इस पर मोदी ने कहा कि आप ट्रैकिंग करती है, पूरी दुनिया घूमती है, लेकिन कोरोना के कारण सब बंद हो गया तो फिर यह समय कैसे बिताया. काम्या ने कहा, ‘मैंने आपदा को अवसर में बदला. मैंने यह समझा कि दूसरों को पर्वतारोहण के बारे में बताना चाहिए. मैं उन्हें अपने मिशन के बारे में भी बता रही हूं.’
महिला वह बाल विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 32 जिलों से इन विजेताओं को चुना गया है.
यूपी के 5 बच्चों का चयन हुआ
बाल पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा 5 बच्चे उत्तर प्रदेश से चयनित किए गए हैं. लखनऊ के 10 साल के व्योम आहूजा को कला एवं संस्कृति के लिए और बाराबंकी के 15 साल के कुंवर दिव्यांश सिंह को बहादुरी के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलेगा.
गौतमबुद्धनगर के 16 साल के चिराग भंसाली को इनोवेशन के लिए व अलीगढ़ के 17 साल के मोहम्मद शादाब को शैक्षणिक क्षेत्र के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. वहीं, प्रयागराज के 17 साल मोहम्मद को खेल श्रेणी में पुरस्कार दिया जाएगा.
1.अमेया लगुडू (आंध्र प्रदेश), कला और संस्कृति
2.व्योम आहूजा (उत्तर प्रदेश), कला और संस्कृति
3.हृदया आर कृष्णन (केरल), कला और संस्कृति
4.अनुराग रमोला (उत्तराखंड), कला और संस्कृति
5.तनुज समददर (असम), कला और संस्कृति
6.वेनिश कीशम (मणिपुर), कला और संस्कृति
7.सौहरिदा डी (पश्चिम बंगाल), कला और संस्कृति
8.ज्योति कुमारी (बिहार) शौर्य
9.कुंवर दिव्यांश सिंह (उत्तर प्रदेश), शौर्य
10.कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे (महाराष्ट्र), शौर्य
11.राकेशकृष्ण के (कर्नाटक), इनोवेशन
12.श्रीनभ मौजेश अग्रवाल (महाराष्ट्र) इनोवेशन
13.वीर कश्यप (कर्नाटक), नवाचार
14.नाम्या जोशी (पंजाब) इनोवेशन
15.अर्चित राहुल पाटिल (महाराष्ट्र) इनोवेशन
16.आयुष रंजन (सिक्किम) इनोवेशन
17.हेमेश चल्दावाड़ा (तेलंगाना) इनोवेशन
18.चिराग भंसाली (उत्तर प्रदेश) नवाचार
19.हरमनजोत सिंह (जम्मू-कश्मीर), नवोन्मेष
20 मोहम्मद शादाब उत्तर प्रदेश स्कॉलास्टिक
21.आनंद (राजस्थान) स्कॉलास्टिक
22.अनवेश सुभम प्रधान (ओडिशा) स्कॉलास्टिक
23.अनुज जैन (मध्य प्रदेश) स्कॉलास्टिक
24.सोनित सिसोलेकर (महाराष्ट्र) स्कॉलास्टिक
25.परिधि सिंह (तमिलनाडु) सामाजिक सेवा
26.सविता कुमारी (झारखंड) खेल
27.अर्शिया दास (त्रिपुरा) खेल
28.पलक शर्मा (मध्य प्रदेश) खेल
29.मोहम्मद रफ़ी (उत्तर प्रदेश) खेल
30.कामा कार्तिकेयन (महाराष्ट्र) खेल
31.खुशी चिराग पटेल (गुजरात) खेल
32.मंत्र जितेन्द्र हरखानी (गुजरात) खेल
गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा नहीं होंगे ये बच्चे
हालांकि, 63 सालों में पहली बार बहादुर बच्चे गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) का हिस्सा नहीं होंगे. 1957 से यह सिलसिला लगातार चल रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चे राजपथ पर नहीं दिखेंगे.
इससे पहले पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के कार्यक्रमों में शामिल होने वाले एनसीसी कैडिट्स, एनएसएस कार्यकर्ताओं और कलाकारों को संबोधित किया था. उन्होंने कहा कि हमें देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने का अवसर नहीं मिला. लेकिन निश्चित रूप से हमारे पास देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने का अवसर है. हम अपने देश के लिए जो कुछ भी अच्छा कर सकते हैं, हमें करना चाहिए ताकि भारत और सशक्त हो.
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