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बजट से शेयर बाजार में ‘रौनक’, सेंसेक्स में 1800 अंकों से अधिक का उछाल

बजट से शेयर बाजार में ‘रौनक’, सेंसेक्स में 1800 अंकों से अधिक का उछाल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  नेे आज  आम बजट  पेश किया .उन्‍होंंने तीसरी बार बजट पेश किया. बजट पेश होने से पहले सेंसेक्स  आज सुबह बढ़त के साथ खुला जो बजट के बाद 1800 से अधिक अंकों की बढ़त के साथ 48121 अंकों तक जा पहुंचा. कुछ समय हल्‍की गिरावट के लिए यह 47 हजार के

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  नेे आज  आम बजट  पेश किया .उन्‍होंंने तीसरी बार बजट पेश किया. बजट पेश होने से पहले सेंसेक्स  आज सुबह बढ़त के साथ खुला जो बजट के बाद 1800 से अधिक अंकों की बढ़त के साथ 48121 अंकों तक जा पहुंचा. कुछ समय हल्‍की गिरावट के लिए यह 47 हजार के नीचे आ गया था लेकिन बाद में संभलते हुए फिर से 47 हजार का आंकड़ा पार कर गया.फिलहाल यह 50 हजार आंकड़े से नीचे चल रहा है. वहीं निफ्टी  थोड़ी बढ़त के बाद 14144हुंचा. हाल ही में सेंसेक्स ने 50 हजार का आंकड़ा पार किया था.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों  ने जनवरी में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 14,649 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वैश्विक स्तर पर उपलब्ध तरलता के बीच FPI उभरते बाजारों में पैसा लगा रहे हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि बजट प्रस्तावों को लेकर अनिश्चितता की वजह से FPI अभी बाजार की दिशा को लेकर असमंजस में हैं. इस वजह से पिछले कुछ दिन से वे बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नवंबर और दिसंबर में उभरते बाजारों में भारत को FPI से सबसे अधिक निवेश मिला है. इसी वजह से सेंसेक्स 50,000 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था. उन्होंने कहा, ‘अब बजट को लेकर अनिश्चितता की वजह से FPI मौजूदा स्तर पर मुनाफा काट रहे हैं.’

वहीं दूसरी तरफ सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से 9 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 3,96,629.40 करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई. बाजार में व्यापक रूप से कमजोरी के रुख के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक नुकसान हुआ. आम बजट से पहले मुनाफा वसूली का सिलसिला चलने से बीते सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,592.77 अंक या 5.30 प्रतिशत नीचे आ गया.

बताते चलें कि कोरोना महामारी  की वजह इस बार बजट दस्तावेजों की छपाई नहीं की गई है. इलेक्ट्रोनिक तरीके से बजट की प्रतियां बांटी जाएंगी. कोरोना काल में हर क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था. यही वजह है कि इस बार के बजट से हर क्षेत्र को राहत की खासा उम्मीदें हैं. कारोबारी वर्ग सरकार से GST में राहत की मांग कर रहा है.

Ritu
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